राजस्थान कला संस्कृति
टॉपिक - लोकदेवियाँ
महत्वपूर्ण 15 प्रश्न
1. अलवर क्षेत्र की लोकदेवी के रूप में किसे मान्यता प्राप्त है?
(a) लटियाला माता
(b) सच्चिया माता
(c) सुगाली माता
(d) जिलाणी माता
(d)
व्याख्या- जिलाणी माता का प्रसिद्ध मंदिर कोटपुतली-बहरोड जिले की प्राचीन बावडी के समीप स्थित है यहाँ प्रतिवर्ष 2 बार मेला लगता है।
2. कैलादेवी मंदिर स्थित है?
(a) करौली
(b) टोंक
(c) कोटा
(d) सवाई माधोपुर
(a)
व्याख्या- यहाँ स्थित दिव्य मंदिर का निर्माण नरेश गोपालसिह ने करवाया। मंदिर के सामने प्रांगण में गणेश जी व भैरव जी की मूर्तियाँ है जिन्हें प्राकृति ब्रज भाषा में लाँगुरिया कहते हैं। गुर्जरों में अधिक मानी जाने वाली इस देवी के मंदिर की प्रमुख विशेषता कनक दण्डवत है। इनके भक्त इनकी आराधना में प्रसिद्ध लाँगुरिया गीत गाते हैं।
3. करौली क्षेत्र में कैलादेवी की आराधना में गाए जाने वाले गीत है?
(a) लाँगुरिया
(b) हींडो
(c) इंडोणी
(d) लावणी
(a)
4. जैसलमेर के नरेश 'कुलदेवी' के रूप में निम्न में से किस देवी की पूजा करते थे?
(a) करणी माता
(b) नागणेची
(c) स्वांगिया देवी
(d) अन्नपूर्णा
(c)
व्याख्या- स्वांगिया/सुग्गा माता - जैसलमेर के राज्य चिह्न स्वांग (माला) को देवी द्वारा दिया गया था, इसी कारण यहाँ की देवी स्वांगिया देवी कहलाती है। यह माता जैसलमेर के भाटी शासकों की कुलदेवी मानी जाती है, ये आवड़ देवी का ही एक रूप मानी जाती है। जैसलमेर के राजचिन्हों में सबसे ऊपर पालम चिड़िया (शगुन) देवी का प्रतीक है।
3. करौली क्षेत्र में कैलादेवी की आराधना में गाए जाने वाले गीत है?
(a) लाँगुरिया
(b) हींडो
(c) इंडोणी
(d) लावणी
(a)
4. जैसलमेर के नरेश 'कुलदेवी' के रूप में निम्न में से किस देवी की पूजा करते थे?
(a) करणी माता
(b) नागणेची
(c) स्वांगिया देवी
(d) अन्नपूर्णा
(c)
व्याख्या- स्वांगिया/सुग्गा माता - जैसलमेर के राज्य चिह्न स्वांग (माला) को देवी द्वारा दिया गया था, इसी कारण यहाँ की देवी स्वांगिया देवी कहलाती है। यह माता जैसलमेर के भाटी शासकों की कुलदेवी मानी जाती है, ये आवड़ देवी का ही एक रूप मानी जाती है। जैसलमेर के राजचिन्हों में सबसे ऊपर पालम चिड़िया (शगुन) देवी का प्रतीक है।
9. किस देवी को कभी मांस का भोग नहीं लगाया गया?
(a) शिला देवी
(b) कैलादेवी
(c) वर्णित दोनों देवियों को सरिता से
(d) इनमें से
10. कोई नहीं कोई दर स्थित है?
(a) शाकम्भरी देवी
(b) कुंजल माता
(c) शीला देवी
(d) पवन देवी
(a)
व्याख्या- जयपुर ग्रामीण के पास सांभर झील में अवस्थित शाकम्भरी देवी का मंदिर प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त शाकम्भरी शक्ति पीठ का मंदिर सीकर की पहाड़ियों में भी स्थित है।
11. जीणमाता कौनसे राजपूत वंश की कुलदेवी है?
(a) चौहान वंश
(b) गुहिल वंश
(c) सिसोदिया वंश
(d) राठौड़ वंश
(a)
व्याख्या- जीणमाता इन्हें चौहानों की कुलदेवी / शेखावाटी क्षेत्र की लोकदेवी / मधुमक्खियों की देवी के नाम से जाना जाता है। इनका जन्म धाधू गाँव में हुआ। इसके मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चौहान प्रथम के समय हट्टड द्वारा हर्ष की पहाड़ी पर करवाया। यहाँ ढाई प्याले शराब चढ़ती है व पहले बकरें की बलि दी जाती थी, वर्तमान में केवल बकरे के कान चढ़ाते
हर्ष पर्वत के निकट स्थित 'काजल शिखर' पर जीण माता के भाई हर्ष भैरू का थान है। प्रतिवर्ष चैत्र व आश्विन नवरात्रों में मेला भरता है।
12. राजस्थान के लोक साहित्य में किस देवी-देवता का गीत सबसे लम्बा है-
(a) जीणमाता
(b) आईमाता
(c) मल्लिनाथजी
(d) रामदेवजी
(a)
व्याख्या- राजस्थानी लोक साहित्य में जीणमाता देवी का गीत सबसे लम्बा है। इस गीत को कनफटे जोशी केसरिया सारंगी पर गाते हैं। यह गीत करूण रस से ओत-प्रोत है।
13. जोधपुर के राठौड़ों की देवी, जिसके 18 भुजायें है-
(a) शीतला माता
(b) आवरी माता
(c) सकराम माता
(d) नागणेची माता
(d)
व्याख्या- नागणेची माता, यह माता जोधपुर के राठौड़ शासकों की कुलदेवी मानी जाती है। नागणेची की 18 | भुजाओं वाली प्रतिमा बीकानेर के यशस्वी संस्थापक राव बीका ने स्थापित करवाई थी।
14. राजस्थान की कौनसी विख्यात लोकदेवी का संबंध चूहों से है?
(a) शिला माता
(b) करणी माता
(c) नागणेची माता
(d) शीतला माता
(b)
व्याख्या- बीकानेर के राठौड़ों की आराध्य देवी व चारण जाति की इस कुलदेवी का मंदिर बीकानेर के देशनोक नामक स्थान पर स्थित है। करणीमाता 'चूहों की देवी' के रूप में जानी जाती है। करणी माता के बचपन का नाम रिद्धिबाई था जो कालान्तर में करणी अर्थात् अनादि शक्ति स्वरूप करामात की देवी हो गया। इस मंदिर में पाये जाने वाले सफेद चूहे 'काबा' कहलाते हैं। गौ रक्षा व सिद्धियों के कारण इन्हें देवत्व प्राप्त हुआ।
15. राजसमंद झील में किस लोकदेवी का स्थान है?
(a) आवड़ माता
(b) तनोट माता
(c) जीण माता
(d) घेवर माता
(d)
! thans !
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